हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार ,आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमुली ने अमेरिकी राज्य टेक्सास के शहर ह्यूस्टन में जैनब ए कुबरा, विरासत-ए-शौर्य, करुणा और प्रतिरोध" के शीर्षक से आयोजित बीसवीं वार्षिक अमेरिकी मुस्लिम कांग्रेस के आरंभ के अवसर पर एक वीडियो संदेश जारी किया है।
उन्होंने इस संदेश में कहा, हज़रत ज़ैनब कुबरा स.ल. इंसानियत की एक उच्चतम मिसाल हैं। पहली बात यह है कि पुरुष और स्त्री की वास्तविकता लगभग एक जैसी है क्योंकि आत्मा न पुरुष होती है और न ही स्त्री।
आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमुली ने आगे कहा, मौलिक आस्थाएं, सिद्धांत और आदेश दोनों के लिए समान हैं, जबकि शरीर से संबंधित कुछ मामलों में अंतर होता है। इसलिए, पुरुष और स्त्री की असल वास्तविकता में कोई भेद नहीं है क्योंकि आत्मा अमूर्त है।
आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमुली ने कहा, पवित्र कुरआन पुरुष और स्त्री को मानवता के पहलू से एक दूसरे का आदर्श रूप में पेश करता है जब अच्छे लोगों का उदाहरण दिया जाता है तो हज़रत मरियम स.ल. या फिरौन की पत्नी का उल्लेख होता है। इसलिए यहाँ लोगों से तात्पर्य इंसानियत का वह समूह है जिसमें पुरुष और स्त्री दोनों शामिल हैं।
उन्होंने कहा,कुरआन में "अलनास" से तात्पर्य केवल पुरुषों का नहीं बल्कि समस्त लोगों का है। पवित्र कुरआन पुरुष को भी और स्त्री को भी एक अच्छे इंसान के उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करता है इसलिए पुरुष और स्त्री की वास्तविकता कई मामलों में समान है।
आयतुल्लाह जोादी आमुली ने कहा, यदि बनी हाशिम की बुद्धिमान महिला हज़रत ज़ैनब कुबरा स.ल. को इमाम ए वक्त यानी इमाम ज़ैनुल आबिदीन अ.स. ने विशेष सम्मान दिया तो इसका कारण यह है कि उन्होंने मानवता की वास्तविकता को भली भांति समझा और उसी के अनुरूप आचरण किया।
जब इमाम ज़ैनुल आबिदीन अ.स. ने हज़रत ज़ैनब कुबरा स.ल.से कहा:
'أَنْتِ بِحَمْدِ اللَّهِ عَالِمَةٌ غَیْرُ مُعَلَّمَةٍ فَهِمَةٌ غَیْرُ مُفَهَّمَة'
अर्थात आपने मानवीय शिक्षा नहीं पाई, बल्कि ईश्वरीय ज्ञान से ज्ञानी हुई हैं...। यह इस वास्तविकता का प्रमाण है कि उन्होंने ज्ञान की ऐसी बातें कही हैं जो दुर्लभ हैं और अक्सर कही नहीं जातीं और न ही आसानी से समझी जा सकती हैं।